जहाँ अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिक उन्नति की दुदुम्बी बज रही है वहाँ रूड़ी-वादी सोच और ओच्छि मानसिकता इसे अन्दर से खोखला कर रही है | एक तरफ़ हम डिजिटल भारत के जागते हुए स्वप्न देख रहे हैं वहीं दूसरी तरफ़ क्षुब्ध और तुच्छ सोच जैसे लड़का-जन्मोत्सव, लड़की-भ्रूणहत्या, नारी-जन्महत्या, शादियों में कन्या…